बिंदु त्राटक कैसे करे? Bindu Tratak

बिंदु त्राटक कैसे करे? Bindu Tratak.

बिंदु त्राटक Bindu Tratak

बिंदु त्राटक

बिंदु त्राटक करने के लिए आप एक ऊनी आसन,गद्दा, या कुर्सी पर बैठ जाए। आपकी रीड की हड्डी बिल्कुल सिधी रखे। दर्द होता हो या अधिक देर बैठने में असमर्थ है तो आप किसी भी तरह का सहारा लेकर बैठ सकते है। अब यह कल्पना करें कि आप हवा में उड़ रहे है या पानी में तेर रहे या किसी गहरी गुफा में जा रहे है। इसी कल्पना के साथ कोई अन्य विचार नहीं होना चाहिए। कल्पना करते हुए विचारों पर कंट्रोल करे और कल्पना की गहराइयों में डूब जाए। इसे ध्यान अवस्था का चरण कहते है। ऐसा करने से आपके अंदर विचारों पर कंट्रोल के साथ बहाय मन अंतर मन से कनेक्ट होता है।
जब विचारों पर कन्ट्रोल हो जाए तब आपको धीरे धीरे आंखो को खोलना है और आपके सामने जो बिंदु लगा हुआ है इसे बिना पलके झपकाए एकटक देखना है। यह तब तक करना है जब तक कि आपकी आंखो से आंसू निकलने ना लगे। प्रारंभिक दिनों में हो सकता है कुछ ही सेकंड में आंसू आ जाए तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। अभ्यास धीरे धीरे बढ़ाने पर बड़ जाएगा है। उत्साह के साथ धेर्य से अभ्यास करें हड़बड़ाहट में अधिक आंखो में जोर ना डाले। अन्यथा त्राटक के फायदे की जगह दुषपरिणाम सामने आने लगेंगे। इस विषय में आपको आगे विस्तृत रूप से बताएंगे। बस इतना याद रहे कि अति हर अभ्यास की खराब होती है।
आंखो से आंसू आने के बाद आप आंखो को बंद करके बिंदु को आंतरिक मन से देखने का प्रयास करे, इसे अंतः त्राटक कहते है। इसकी समय सीमा कम से कम आपकी उम्र के बराबर मिनटों में होना चाहिए उदाहरण के लिए आपकी क्रमशः उम्र 25,30,35 वर्ष है तो आपको अंतः त्राटक क्रमशः 25,30,35 मिनट करना चाहिए। अंतः त्राटक आप समय से अधिक भी कर सकते है।
त्राटक का अर्थ क्या होता है? किसी भी प्रकार के ऑब्जेक्ट को एकटक देखना है। यह सब जानते है मगर यही पूर्ण सत्य नहीं है। एकटक देखना बलेही त्राटक की परिभाषा है लेकिन इसे पूर्ण करती है एकटक देखते हुए आपकी कपना शक्ति। जी हां आपकी सफलता और आपके अनुभव इसी शक्ति पर निर्भर करती है। यही कारण है कि अक्सर साधक असफल हो जाते है क्योंकि वह त्राटक की परिभाषा को पूर्ण समझ नहीं पाते है।


जब हम त्राटक करते है तो विचारों को खत्म करते है लेकिन उस वक्त हमारे दिमाग में एक विचार होना अनिवार्य है। वह कुछ भी ही सकता है जो आप पाना चाहते हैं। जैसे सम्मोहन सीखना है तो आपको कल्पना करना चाहिए कि “मेरी आंखो में चुंबकी शक्ति का विकास हो रहा है। मेरी आंखो में सम्मोहन शक्ति आ चुकी है। में जिसे चाहूं आंखो से आकर्षित या सम्मोहन कर सकता है।” यह कल्पना पूर्ण शक्ति से करना चाहिए जितनी अधिक गंभरतापूर्वक यह कार्य होगा उतना ही अधिक सफलता का रास्ता साफ हो जाएगा। अब हमें प्रारंभिक अनुभव जान लेना चाहिए।
प्रंभिक अनुभव: ये सभी अनुभव मेरे द्वारा तथा साधकों के साथ ही प्राचीन ग्रंथानुसार ऋषि महर्षि के है। यहां जो अनुभावों का में वर्णन कर रहा हूं वह सभी एक साधकों में होना अनिवार्य नहीं है। इनमे से कुछ अनुभव आपको हो सकते है तो विचलित होने की आवश्कता नहीं है। इसमें कोई शक नहीं है कि ध्यान से अधिक लोकप्रिय त्राटक है और होना भी चाहिए क्यूंकि यह सिघ्र फल दायक है।
प्रारंभ में आपकी समय सीमा कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट हो सकती है। धीरे धीरे समय बढ़ाने पर आपको कुछ ही दिनों में यह समय सिमा बढ़कर 10-15 मिनट लगातार एकटक देखना हो जाएगी। इन 10-15 दिनों में कई अनुभव होते है जैसे साधकों को बिंदु घूमता हुआ नजर आता है कुछ साधकों को बिंदु हिलता- डुलता नजर आने लगता है। वही कुछ ही दिनों में यह बिंदु एक से बढ़कर दो या तीन दिखने लगते है। ऐसी स्थिति में साधक को उसे एक देखने का प्रयास करना चाहिए।

बिंदु त्राटक कैसे करे? Bindu Tratak
इस बीच देखने पर कभी कभी बिंदु गायब होता है तो कभी फिरसे धुंधला सामने नजर आ जाता है। कहीं एक बिंदु गायब होकर दूसरी जगह दिखने लगता है, तो आप समझ जाए कि आपकी मन की गहराइयों में संबंध स्थापित होने की स्थिति में है। ऐसा बहाय मन अंतर मन से कनेक्ट होने की वजह से होता है और अचानक कनेक्शन टूटने की वजह से गायब होना सामने आना जैसे क्रियाएं होती है। इसका अर्थ है आप सही रास्ते पर जा रहे है। और निरंतर अभ्यास की आवश्यकता है। कुछ ही दिनों में साधकों को बीजेएनडीयूबल आस पास हल्का प्रकाश का आवरण नजर आने लगता है। इस समय साधक को इस आवरण को बढ़ाने की आश्यकता होती है। और यह आपकी कल्पना करने पर धीरे धीरे बढ़ने लगता है। बहुत से बार देखा गया है कि कई साधकों को यह प्रकाश अलग अलग रंगों में दिखाई देता है यह साधक के अंदर 7 चक्र के प्रभाव से होता है। जिस साधक के अंदर जिस चक्र की शक्ति अधिक होती है उस साधक को उसी चक्र का रंग दिखाई देता है।
2-3 माह के बाद चक्र के अंदर सातो रंग क्रमशः दिखाई देता है उसी के साथ कुछ समय बाद बिंदु सूर्य के समान प्रकाशवान हो जाता है। इस समय साधक की एकटक देखने की समय सिमा लगभग 30-45 मिनट तक हो जाती है। लगभग 6 माह बाद साधक को बहुत अनोखे अनुभव होने लगते है यह उनके व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। किसी किसी साधक को उनका पूर्व जन्म तो किसी साधक को भविष्य की झलकियां नजर आने लगती है। बहुत बार साधकों को बिंदु के अंदर कई दृश्य नजर आते है जो कुछ इस जन्म के तो कुछ पूर्व जन्म के हो सकते है।
कुछ दृश्य आनंदमय तो कुछ भयभीत करने वाले भी हो सकते है। अब लगभग 8-9 माह बाद साधक का समय शून्य होने लगता है अर्थात साधक को त्राटक खो जाने का अनुभव होता है जो बहुत आनंद दायक होता है। इस स्थति में साधक कहीं भी विचरण करने जा सकता है। वह कही भी जाकर किसी को भी देख सकता है। मान लीजिए आपका कोई परिचित क्या कर रहा है आपको जानना है तो वहां आप पहुंच जाते है और आपको वह वीडियो के समान दिखाई देने लगता है। यह सब मन की आंखो से होता है।
12-15 महीने में साधकों को टेलीपैथी, केनैसेस, वाक सिद्धि,विचार सम्प्रेशक, सम्मोहन शक्ति, भूत भविष्य, आदि उपलब्धियां उसके कल्पना शक्ति के आधार पर स्वतः ही प्राप्त हो जाती है। लगातार अभ्यास करने पर साधक बहुत अनुभव करता है जिसकी अनुमति यहां बताने को नहीं है। बस यही इसरा कर सकते है को साधक एक जगह बैठकर ब्रम्हांड की सैर कर सकता है। साधक जीवन के कहीं रहस्यों को जान लेता है।

त्राटक के लाभ/ benefit of tratak
  • यह अभ्यास आँखों को मजबूत बनता है.इससे आंखो की कमजोरी दूर होती है.आँखे त्राटक के अभ्यास के लिए अभ्यस्त होती है. आंखो की रोशनी में बड़ोतरी होती है।
  • मन शांत रहता है। हम ज्यादा से ज्यादा अपने आप से जुड़ते है। एकाग्रता का विकास होता है।
  • हिप्नोटाइजर बनने में मदद मिलती है। आंखो में चुंबकीय शक्ति का विकास होता है। इससे हम किसी को भी वशीभूत करने में सक्षम हो सकते है।
  • भूत भविष्य वर्तमान में पूर्वाभास बढ़ता है। साथ ही दिमागी शक्ति मजबूत होती है।
  • निरंतर अभ्यास से बिना छुए वस्तुओ को हिलाने में सफल हो सकते है।

बिंदु त्राटक Bindu Tratak

#Bindutratak

Leave a Reply