स्फटिक शिवलिंग के फायदे (benefits of crystal shivling) | sphatik Shivling No. 1

Sphatik shivling

स्फटिक शिवलिंग (sphatik shivling) के लाभ शास्त्रों में वर्णित है । पुराणिक मान्यताओ के आधार पर ग्रहस्त साधको को स्फटिक शिवलिंग की पूजा से अधिक लाभ एवं मनोवांछित फल के लिए बताया गया है ।

आइये स्फटिक पत्थर पर एक नजर डालते है :- स्फटिक एक रंगहीन, पारदर्शी, निर्मल और शीत प्रभाव वाला उपरत्न है। स्फटिक को अन्य नमो से भी जाना जाता है: इसे अंग्रेजी में ‘रॉक क्रिस्टल,क्वार्ट्ज’ , संस्कृत में ‘सितोपल’, कांचमणि, शिवप्रिय,फिटक ‘सफ़ेद बिल्लौर’ आदि । यह SiO4 के सिलिकन-आक्सीजन चतुष्फलकी से बना होता है स्फटिक पत्थर अधिक उर्जावान माना गया है । इसकी प्रवत्ति ठंडी होती है । इसकी मालाओ से अनेक देवी देवताओं का जप किया जाता है । इसमें माता लक्ष्मी का साक्षात् रूप भी माना गया है ।

स्फटिक शिवलिंग ( sphatik Shivling) लाभ:

  1. वास्तु शास्त्र के अनुसार स्फटिक शिवलिंग को घर में रखने मात्र से सारे वास्तु दोष ख़त्म हो जाते है ।
  2. घर में सुख-शांति लाने के लिए ,पति-पत्नी के कलह को दूर के लिए स्फटिक शिवलिंग की घर में नित्य पूजा लाभकारी मानी गई है ।
  3. यह अधिक उर्जावान होने के कारण घर की सारी नकारात्मक उर्जाओ को दूर रखता है और घर में सकारात्मक उर्जा बनाये रखता है ।
  4. ऑफिस ,घर ,दुकान,मंदिर या तिजोरी में स्फटिक शिवलिंग के नित्य जलाभिषेक अथवा पूजा से धन -धान्य समृद्धि बनी रहती है । साधक पंचामृत से जलाभिषेक करे तो उसे कल्याणकारी माना गया है ।
  5. शिक्षा के क्षेत्र में प्रतियोगीता परीक्षा की तेयारी कर रहे छात्रो को स्फटिक शिवलिंग पूजा स्थल पर एवं पर्स में स्फटिक पत्थर रखना चाहिए ।
  6. दरिद्रता ,रोग,गरीबी,वास्तु नकारात्मकता,असफलता आदि से बचने के लिए स्फटिक शिवलिंग का नित्य पूजन करना सर्वश्रेष्ट माना गया है ।

जलाभिषेक के समय “ॐ नमः शिवाय” उच्चारण करे

मन्त्र

“ॐ ह्रौं वं शिवाय सशक्तिकाय नम:”

उपरोक्त मंत्र जलाभिषेक के बाद जप करे ।

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