पुष्‍पदेहा अप्‍सरा साधना विधी

परिचय – पुष्पदेहा अप्सरा अत्यन्त कोमल जिसके कपोल गुलाबी रंग लिए हुए और जिसकी देह इतनी सुन्दर कि जरा सा छूने भर से मैली होजाय पूरा शरीर
गुलाब से भी ज्यादा कोमल और गुणों में अत्यंत गुणवान किसी भी कार्य को तुरन्त करने की क्षमता एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलक झपकते ही पहुचने की क्षमता से सम्पन्न ये अप्सरा स्वभाव से भी अत्यंत कोमल है जब ये
हसे तो मानो कई कई बिजलिया सी कोंध जाती है इसके पास खेचरी विद्या है जिसके कारण से ये हवा में कही भी कार्य संपन्न कर वापिस आ जा सकती है पुष्प देहा अपने साधक का साथ कभी नहीं छोड़ती अगर उसे कोई तकलीफ होती है तो उसे ठीक करके ही दम लेती है |

विधी – सबसे पहले किसी बाजोट पर लाल वस्त्र बिछाये और उस पर एक चावल का ढेरि बनाये,चावल कुम्कुम से रंगे होने चाहीये.अब चावल पर “पुष्पदेहा आकर्षण सिद्धि यंत्र” स्‍थापित करके मंत्र का जाप करना है।इस साधना मे स्फटिक का माला होना जरुरी है,साधना सात दिवसीय  है और शुक्रवार से शुरू करना है,मंत्र का नित्य 11माला जाप करना जरुरी है।साधक का मुख उत्तर दिशा के तरफ होना चाहीये,आसन-वस्त्र भी लाल रंग के होने चाहिये। यंत्र पर रोज गुलाब का इत्र और पाच गुलाब के फूल चढाये,घी का दिपक लगाये जो मंत्र जाप के समय प्रज्वलित रहे,धूप भी गुलाब का ही होना जरुरी है।मंत्र जाप के समय नजर यंत्र के तरफ हो और बिना यंत्र के साधना ना करे क्युके इस यंत्र मे विशेष उर्जा है जो अप्सरा को स्वर्ग से लेकर पाताल लोक तक आकर्षित करने का क्षमता युक्त है।यंत्र के साथ आपको अप्सरा से वचन प्राप्त करने का मंत्र भी प्राप्त होगा जो यहा पर देना उचित नही है।


मंत्र: –

।। ॐ आवे आवे शरमाती पुष्पदेहा प्रिया रुप आवे आवे हिली हिली मेरो कह्यौ करै,मनचिंतावे,कारज करे वेग से  आवे आवे,हर क्षण साथ रहे हिली हिली पुष्पदेहा अप्सरा फट् ॐ ।।
इस मन्त्र को विधि विधान के साथ जपने पर पुष्पदेहा पूर्ण श्रृंगार करके साधक के सामने आती ही है इसमें किसी भी प्रकार की शंका नहीं है |
हा अगर आपके मन में कोई शंका होगी तो साधना पूरी नहीं होगी क्योकि शंका करने वाले को तो भगवान भी नहीं मिलता यह तो अप्सरा है |

1) इस साधना में किसी भी प्रकार के वस्त्र पहने जा सकते है धोती या पेंट कमीज कुछ भी ।
(2 )शरीर पर इत्र लगाये पुष्पों की माला धारण करे |
(3 )अप्सरामला से मंत्र जाप करे |

मन्त्र जाप के ही बीच में अगर अप्सरा प्रकट हो तो मन्त्र जापकरते रहे उसे देख कर रोके नहीं वरन 51 माला पूरी होने पर ही उठे और अपने गले की माला उसके गले में डाल दे और पूरे जीवन साथ रहने का वचन ले ले वह भी आपके गले में अपनी माला डाल देगी और इस तरह अप्सरा सिद्ध हो जाएगी |

ऐसी अप्सरा जो फूलो से भी कोमल है उसके यौवन का ,मधुरता का वेग इतना है कि पूरे समुन्द्र को अपने आप में समाहित कर ले ऐसी अप्सरा अगर किसी को मिल जाए तो व्यक्ति पोरे जीवन भर यौवनवान बना रह सकता है और अपना जीवन आनंद के साथ व्यतीत कर सकता है |




मंत्र अत्याधिक शक्तिशाली है। जिसका प्रभाव शीघ्रता से प्राप्त होता है

Leave a Reply