मंगल ग्रह के दोष

मंगल के ख़राब होने की निशानी

 ज्यादा अशुभ हो तो बड़े भाई के नहीं होने की संभावना प्रबल।

* भाई हो तो उनसे दुश्मनी होती है।*

बच्चे पैदा करने में अड़चनें आती हैं या पैदा होते ही उनकी मौत हो जाती है।

* एक आंख से दिखना बंद हो सकता है।*

शरीर के जोड़ काम नहीं करते हैं।*

रक्त की कमी या अशुद्धि हो जाती है।*

चौथे और 8वें भाव में मंगल अशुभ माना गया है।*

किसी भी भाव में मंगल अकेला हो तो पिंजरे में बंद शेर की तरह है।*

स्वभाव से जिद्दी एवं उग्र हो सकता है।*

सूर्य और शनि मिलकर मंगल बद बन जाते हैं।*

मंगल के साथ केतु हो तो अशुभ हो जाता है।* मंगल के साथ बुध के होने से भी अच्छा फल नहीं मिलता।

मंगल को शांत करने के उपाय –

शरीर पर सोना धारण करना चाहिए।*

मुफ्त में दान ग्रहण नहीं करना चाहिए।*

हाथीदांत की बनीं वस्तुएं घर में या अपने पास न रखें।

 वटवृक्ष की जड़ में मीठा दूध चढ़ाएं।*

अपने पास सदैव चांदी रखें।* अंधजनों या जिनकी एक आंख हो, उनसे दूरी बनाए रखें।*

चिड़ियों को दाना डालते रहें।*

शहद, शकर और चीनी का व्यापार कदापि न करें।*

बंदरों, साधुओं और अपनी मां की सेवा करें।*

 रात को सिरहाने पानी रखकर सोएं और सुबह इस जल को पेड़ में डाल दें।

बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं।*

अष्टमस्थ मंगल के भी यही उपाय हैं।

 रात को सिरहाने पानी रखकर सोएं और सुबह इस जल को पेड़ में डाल दें।*

पिता के नाम पर दूध का दान करें।* पराई स्त्री से संबंध बनाने से बचें।
* जल, चांदी और तेल का दान दें।*

शनि को शांत करने के उपाय करें।*

पुत्र को कभी सोना न पहनाएं।
* घर में ठोस चांदी रखें।*

तोता-मैना या कोई अन्य पक्षी न पालें।*

जब भी बहन घर आए, उसे मिठाई दें।*

साली, मौसी, बहन, बेटी और बुआ को मिठाइयां बांटें।*

झूठ और झूठी गवाही से बचें।* पत्नी को चांदी की चूड़ी लाल रंग करके पहनाएं।

विधवा स्त्रियों की सेवा करें।*

गले में चांदी की चेन पहनें।*

तंदूरी मीठी रोटी कुत्ते को 40 या 45 दिन तक खिलाएं।
भाभी की मां समान सेवा करें और बड़े भाई के साथ रहें।*

दूध, गुड़ और चावल का मंदिर में दान करें।
जमीन-जायदाद और सोना-चांदी कभी न बेचें।*

संतानहीन लोगों की मदद करें।*

ध्यान दें कि दूध कभी उबलकर न गिरे।
पैतृक संपत्ति कभी न बेचें।*

पहली संतान के जन्म पर कुत्ता पालें।*

घर में शहद रखें।
दिन की शुरुआत शहद के साथ करें।*

मीठा खाएं और दूसरों को भी खिलाएं।*

अतिथि सत्कार में पानी की जगह शरबत या दूध पिलाएं।

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